भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रधान राकेश गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें वह बार बार पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह देते हैं । उमर अब्दुल्ला को मालूम होना चाहिए कि पाकिस्तान में कोई एक हुक्मरान नहीं है वहां पर सरकार आर्मी और आई एस आई की अलग अलग हुकूमत है और वह एकदूसरे का वर्चस्व मानते ही नहीं तो वहां पर बातचीत किससे की जाए। पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी स्वयं बस पर बैठकर लाहौर पहुंचे थे उसके पहले भी और उसके बाद भी भारत की तरफ से कई प्रयास हो चुके हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी भी इसके लिए प्रयास कर चुके हैं, मगर वहां की आई एस आई और आर्मी इसमें बाधा डालते हैं तो उमर अब्दुल्ला बताएं कि बातचीत किससे की जाए।
पाकिस्तान में भी हजारों लोग मिलिटेंसी में मारे जा चुके हैं और आए दिन धमाके होते रहते हैं, स्कूलों में,मस्जिदों में,दरगाहों में लोग मारे जा रहे हैं मगर वहां की सरकार चुप है और बेबस है क्योंकि वहां पर आतंकवादी, सेना व आई एस आई सरकार के कंट्रोल में नहीं है ,वहां पर बातचीत की भी जाए तो किससे क्योंकि सरकार नाम की कोई चीज वहां नहीं है और असमर्थ सरकार से की गई बातचीत को यह लोग नहीं मानते । उमर अब्दुल्ला को इस बात का भली भांति ज्ञान है मगर वह तोते बाली रट लगाते रहते हैं कि पाकिस्तान से बात करो।
अब तो अमरीका ने भी वहां पर पल रहे आतंकवाद को लेकर चेतावनी दी है मगर यह कुत्ते की दूम की तरह हैं जो कभी भी सीधी नहीं हो होगी।
इसलिए वह अपनी सलाह अपने पास ही रखें तथा सरकार व भारतीय सेना को हालात से निपटने दें।
राकेश गुप्ता ने कहा कि भाड़े के आतंकवादियों ने कश्मीर में जो आतंकवाद का साम्राज्य स्थापित कर रखा है और सीमाओं का का जो बार बार उलंघन कर रहा है उससे साफ जाहिर है कि उसकी मंशा पाकिस्तान में ही अलग पाकिस्तान बनाने की है जैसे कि 1971 में हो चुका है।